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Manjeet bhakti sagar
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Manjeet bhakti sagar
  1. नाथ मैं थारो जी थारो। 

  2. सैंया गणपति गुण गाओ ऐ मानसिंह

  3. तेरा रामजी करेंगे बेड़ापार 

  4. अरे मन धर ले गुरु को ध्यान दास सतार 

  5. साधो ऐसा ही गुरु भावे 

  6. फ़ूहड़ नारी की बात कहाँ कहूँ 

  7. जित देखो उत राम ही रामा समर्थ रामदास

  8. अखिल ब्रह्मांडमां एक तुं श्रीहरि नरसी

  9. आरती करूँ म्हारा हरि गुरु सन्त। 

  10. स्वीकारो मेरे प्रणाम... 

  11. ये गर्व भरा मस्तक मेरा 

  12. मेंहगो मनुष्य देह फिरि दास सतार 

  13. होली जली तो क्या जली 

  14. अज्ञान के अँधेरों से हमें ज्ञान के 

  15. रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने 

  16. मदन गोपाल शरण तेरी आयो 

  17. ओंकार धरत ध्यान मानसिंह 

  18. राम नाम के हीरे मोती 

  19. हे प्रार्थना गुरुदेव से, ये स्वर्गसम संसार हो 

  20. समझ न पाऊँ कैसे समझाऊँ 

  21. हे जग त्राता विश्व विधाता 

  22. अमर आत्मा सच्चिदानन्द मैं हूँ 

  23. भजन बिन नर है पशु समान दास सतार 

  24. ऐ री सखी मंगल गाओ री 

  25. मुझे नहीं नाथ कुछ है चिन्ता 

  26. रघुकुल भूषण राजाराम 

  27. अलख तूने खेल बनाया भारी दास सतार 

  28. मैं नाम साहेब का नूरी दास सतार

  29. ऐसो नचायो रे भक्तों ने मोही  

  30. दयानिधि तोरी गति लखि न परे 

  31. जब सौंप दिया सब भार तुम्हें 

  32. प्राणी तोहे का सुख निद्रा आवे 

  33. गुरु बिन घोर अँधेरा साधो मनरूप 

  34. दर्शन दो घनश्याम नाथ नरसी

  35. सीताराम सीताराम सीताराम कहिए। 

  36. राम गुण गाया नहीं गायक हुआ तो क्या 

  37. पिया बिना फीको थारो सिंगार 

  38. सुण रे मित्र खेती वाळा रे भवानीनाथ

  39. सुण लो गुरुगम ग्यान बाबा रामदेव 

  40. धन्य आजि दिन झाले संताचे अभंग

  41. देह शुद्ध करोनी भजनी भजावे अभंग 

  42. प्रीतम से करके प्रीत दास सतार 

  43. साधो भाई देखो लेन हमारी मानसिंह

  44. ईश्वर को सच्चे भक्त पियारे है हरिसिंह 

  45. इतने गुन जामें सो सन्त भगवत रसिक

  46. हरि गुण गाना, गुरुरूप का दास सतार 

  47. राम बिना सुख सपने नाहीं दास थार्यो

  48. कहाँ करूँ वैकुण्ठ ही जाय॥ 

  49. है प्रेम जगत में सार और कोई सार बिंदु 

  50. अलख मिलन के काज फकीरी सवो

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