🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Itne Gun Jame So Sant Lyrics
भगवत रसिक Bhagwat Rasik Pad
इतने गुन जामें सो सन्त।
श्री भागवत मध्य जस गावत,
श्री मुख कमलाकन्त॥
हरि को भजन, साधु की सेवा,
सर्वभूत पर दाया।
हिंसा लोभ दम्भ छल त्यागें,
विष सम देखें माया॥
सहनसील, आसय उदार अति,
धीरज सहित विवेकी।
सत्यबचन सब कों सुखदायक,
गहि अनन्य-व्रत एकी॥
इन्द्रीजीत अभिमान न जाके,
करै जगत कों पावन।
'भगवतरसिक' तासु की संगति,
तीनहुँ ताप-नसावन॥
🚩जय श्री गुरु महाराज जी की 🙏🏻