🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नम:🌍🫂
Guru Bin Ghor Andhera Saadho
मनरूप लिरिक्स Manroo lyrics
गुरु बिन घोर अँधेरा साधो!
जैसे मन्दिर दीपक बिना सूना,
नाहीं वास्तु का बेरा...............
जब तक कन्या रहत कँवारी,
नाहीं पति का वेरा
आठों पहर आलस में रहवे,
खेले खेल घनेरा..............
मृग के नाभि बसे कस्तूरी,
नाहीं मृग को बेरा
गाफिल होके फिरे वनखण्ड में,
सूंघे घास घनेरा..................
पत्थर मांहि अग्नि व्यापे,
नाहीं पत्थर को वेरा
चकमक चोट लगे गुरुगम की,
आग फिरे चौफेरा............
मौजी साहब मिल्या गुरु पूरा,
मेरा जाग्या भाग भलेरा
कह मनरूप गुराँ जी शरणे,
कमल चित्त मेरा..........
🚩श्री निरंजनी अद्वैत सेवा संस्थान भाँवती🙏🏻
🎙️ दिनेश भट्ट Dinesh Bhatt
🎙️रामस्वरूप भोपा Ramswaroop Bhopa