🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌏🫂
Alakh Tune Khel Banaaya Bhaari
दास सतार Das Sataar Bhajan lyrics
तारे तो साहबधणी करें विलंब ना कांई।
मारन पावे मेदनी, मूरत हैं कण माई॥
अलख तूने खेल बनाया भारी।
गुरुजी तेरी लीला अपरम्पारी॥
इस काया में पाँच तत्त्व है,
दुविधा उनमें न्यारी
पच्चीस प्रकृति साथ रखें वो,
ऐसी है विस्तारी.............
पाँच पच्चीस मिल घर के अन्दर,
करते मारामारी
पाँच को मार पच्चीस को वशकर,
तब करें सरदारी............
इस काया में दस दरवाजे,
दस में झीनी बारी
कोई बिरला खोले तो,
उनकी है बलहारी............
दास सतार ने दिल दरिया में,
आकर डूबकी मारी
सद्गुरु दाता के प्रताप से,
मोह की माया जारी..........
🚩 जय श्री गुरु महाराज जी की 🙏🏻🥀
🎙️नारायण स्वामी Narayan Swami