🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Harigun Gana Gururoop Ka Dhar
दास सतार Das Sataar Lyrics
हरि हरि करता हर्ष कर, अरे जीव अनबूझ।
पारस पायो आप प्रगट, तन मानव रो तूझ॥
हरि गुण गाना, गुरुरूप का धर ध्याना॥
गुरु का धरो ध्यान धरो, बुरे कर्मों से डरो।
प्रभु का भजन करो, साँचाधन कमाना रे॥
गुरु गोविन्द एक दुविधा को दूर फेंक।
ज्ञानचक्षु से देख दोनों का ठिकाना रे॥
नाम से बनत काम, ध्यान से मिलत राम।
बसे वो ठामों ठाम, चरणों में चित्त लाना॥
प्रभुकी माया जानो माता ज्यों माया मानो।
मता मती नहीं ताणो, प्रेम से मनाना रे॥
प्रभु की माया जाल फँसे उनके बुरे हाल।
सिर पर भ्रमत काल, फन्दे में ना आना रे॥
माया तो हद माहीं, हद बेहद सांई।
रङ्ग रूप गुण नाहीं, ऐसा है ठिकाना रे॥
'दास सतार' सांई, गुरु अलख गोसांई।
हद बेहद माहीं, जानत कोई जाना रे॥
🎙️नारायण स्वामी Narayan Swami
🎙️बिरजू बरोट Birju Barot