🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Praani Tohe Ka Sukh Nidra Aave
प्राणी तोहे का सुख निद्रा आवे,
घटते श्वास क्षीण हो काया।
नर देही मुरझावे रे................
बालपना हँस खेल गंवाया,
युवा विषय को चावे।
वृद्ध भयो शिथिलायी आयी,
नर देही मुरझावे रे॥
पैना बाण काल का लागे,
दसों द्वार रूक जावे।
हो अधीन तब रोवन लाग्यो,
सिसक सिसक दुःख पावे॥
बीते रात - प्रभात होत है,
अमृत बेड़ा जावे।
हो चैतन्य भजन कर अपना,
समय चूक पछतावे॥
🚩निरंजनी अद्वैत सेवा संस्थान, भाँवती
🎙️चिरंजी लाल Chiranji Tanwar