🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Sun re Mitra Kheti Wala Bhajan
भवानीनाथजी Bhawaninathji lyrics
सुण रे मित्र खेती वाळा रे!
जतन बिना मिरगा ने खेत उजाड़ा॥
पाँच मिरगला पच्चीस मिरगली,
असली तीन छुंकारा।
अपने अपने रस के मौजी,
चरता है न्यारा न्यारा रे॥
मन रे मिरगले, ने किस बिध रोकूँ,
बिड़रत नाही बिड़ार्या।
जोगी, जंगम, जती और सेवड़ा,
पंड़ित पढ़ पढ़ हार्या॥
आम भी खाग्यो आमली भी खाग्यो,
खाग्यो केशर क्यारा।
काया नगर में कुछ भी न छोड्या,
ऐसा ही मिरग उजाड्या॥
शील सन्तोष की बाड़ छपा ले,
ध्यान गुरु रखवाला।
प्रेम पारधी बाण संजोले,
ज्ञान भाल से मार्या॥
नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा,
ऐसा ही मिरग बिड़ार्या।
भानीनाथ शरण सतगुरु के,
बेग ही बेग संभाल्या॥
🚩जय श्री गुरु महाराज जी की🙏🏻
🎙️ रमेश शर्मा Ramesh Sharma