🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Deh Shuddha Karuni Bhajani Bhajaave
देह शुद्ध करोनी भजनी भजावे।
आणिकाचे नाठवावे दोष गुण॥
सन्त एकनाथ जी महाराज इस अभंग में साधन शुचिता का उपदेश कर रहे हैं। देह शुद्ध करके साधना में लग जावो। और फिर दूसरे के गुण-दोष का चिंतन ना करें।
साधने समाधि नको पां उपाधी,
सर्व समबुद्धि करी मन।
साधना करके हमें समाधि अनुभव करनी है, ना ही कोई उपाधि प्राप्त करनी है। इसलिये मन को बुद्धि से नियंत्रित करो और बुद्धि को सम करके नियंत्रित करो।
म्हणे जनार्दन घेई अनुताप,
सांडी पा संकल्प एकनाथा॥
मेरे स्वामी जनार्दन मुझे बताते हैं कि पश्चाताप जरूरी है और तुम साधना का संकल्प करो।
🚩जय श्री गुरु महाराज जी की🙏🏻
🎙️एकनाथ काले Eknath kale