सुनो दीनबन्धु अर्ज हमारी कमल
सद्गुरु आया ये हेली म्हारा देश में कमल
सद्गुरु तुम हो इष्ट हमारे गंगाराम जी
मन रे गुरुगम गंगा नहाले गंगाराम जी
साधो युक्ति से मुक्ति मिले रे कमल
गुरुदेव हमारे आया गंगाराम जी
मन तू ज्ञानी सद्गुरु कर रे गंगाराम जी
म्हाने सद्गुरु मिलिया जी दयाल कमल
गुरु बिन बंधन कौन छुड़ाता गंगाराम जी
हेली सद्गुरु दियो उपदेश कमल
साधो भाई स्वान पूंछ संसारा गंगाराम जी
साधो जगत पोल हम जाणी गंगाराम जी
गुरु नहीं होते जगत में म्हारी हेली ये कमल
हृदय हर्ष अपार गुरु सा म्हारे कमल
लगी गुरु ज्ञान की ताली कमल
हे गुरुदेव आपको क्या दूँ कमल
भूल्या संस्कार क्यों घाले गंगारामजी
गेबी गणपति देखा सन्तो गंगारामजी
पायो जी मैंने अजर अमरवर कमल
जिन हरि से जग उत्पन्न होवे कमल
अशुद्ध अहंकार के अन्दर अविद्या कमल