🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Lagi Guru Gyan Ki Tali Kamal
लगी गुरु ज्ञान की ताली,
मुझे सन्तोष आया है॥
फिरी बहु दूर दुनिया में,
पिया दीदार के खातिर।
मिला मुर्शिद नहीं पूरा,
जन्म आधा गमाया है।
गुरु दरबार में आके,
सुनी महावाक्यों की झनकार।
वाच्यार्थ छोड़ के सारा,
लक्ष्यार्थ में समाया है॥
अखण्डित राज प्रीतम का,
लखा निज नैन से आली।
उठाया भर्म का घूँघट,
पिया दीदार पाया है॥
गुरु सत देव के चरणा,
मिटा चौरासी का फिरना।
कमल घर पाय के अपना,
निजानन्द सहज पाया है॥