🕉️🎯👌🏻 श्री हरिपुरुषाय नमः 🌍🫂
Ashuddha Ahankar Ke Andar Avidya..
अशुद्धअहंकार के अन्दर, अविद्या घर जमा बैठी।
बसी परिवार सङ्ग पूरी, पट्टा अपना लिखा बैठी॥
भवन रचवा लिया सुंदर, जाग्रत स्वप्न सुषुप्तिसी।
बनाया तीन मञ्जिल का, बगीची भी लगा बैठी॥
बसी है मूल में कारण, कार्य जाग्रत स्वप्न मांही।
सैर त्रय धाम की करती, सुदृढ़ अड्डा जमा बैठी॥
बाहर बंगले से आकर, रूपवैश्या का धर लीना।
बनी यह चार रूपों में, नृत्य सुन्दर रचा बैठी॥
लूट लिए साधू तपधारी, ऋषि मुनिऔर बैरागी।
मठाधारी जटाधारी, फलारिन को छका बैठी॥
ज्ञानसिरताजआ खटका, विवेक बंदूक लेकरके।
साधन की फौज है संगमें अविद्याशांत हो बैठी॥
भई रुजगार से कायल गुजर आगे नहीं चलता।
कमल अनुभव में यह आया, जीवन अपना लूटा बैठी॥
कमला भजन Kamala Bhajan
🚩 जय श्री गुरु महाराज जी की 🙏🏻🥀