🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Man Tu Gyani Sadguru Kar Gangaramji
मन तू ज्ञानी सद्गुरु कर रे।
मिनख देह को औसर प्यारा,
कभी न रहवे थिर रे॥
झूठो जगत झूठो तन तेरो,
कोई नहीं कदर रे।
ओ ओसर तूं चूक जाय तो,
भूत होवेलो मर रे ॥१॥
पांच विषय ने त्याग परेरा,
इनका पूरा डर रे।
इनमें फँसे सो मूढ़ कहावे,
चौरासी में फिर रे॥
सद्गुरु सैन समझकर देवे,
मेटे सबही मकर रे।
महावाक्य का भेद बतावे,
समझ सारले धर रे॥
होजा असंग निसंग निज गाढ़ो,
हिले चले नही फिर रे।
आवागमन आवे नहीं कबहुँ,
जीवनमुक्त सदर रे॥
जसीराम जी सद्गुरु मिलिया,
चित चरणां में धर रे।
कहे गंगाराम सुनो भाई साधो,
मन को मिली सबर रे॥