🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Hansa Chhad Karm Ki Aasha Kabeer
हंसा छाड़ कर्म की आशा॥
कर्म काल सब जगत नचावै,
फिर फिर करै गरासा।
उपजन विनशन कर्महि कहिये,
कर्महि जगत विनाशा॥
कर्महि काल व्याल पुनि कर्महि,
कर्महि का सब त्रासा।
जप तप कर्म बांध जग राखै,
पाप पुण्य विश्वासा॥
कर्महि देवल तीरथ कहिये,
कर्महि अलह उदासा।
कर्महि दुख सुख जड़ चेतन है,
तीनों लोक प्रकाशा॥
कर्महि देइ लेइ पुनि कर्महि,
यज्ञ दान रह वासा।
प्रतिमा भूत कर्म के वश है,
चारु विचार निवासा॥
कर्म दुःखी दारिद्री कहिये,
कर्महि भोग विलासा।
कर्म विकार राह तजि बैठो,
कहैं कबीर सुखरासा॥