🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Hamse Hui Ki Aapse Ghazal Sada ग़ज़ल
हमसे हुई कि आपसे ये बहस है फिजूल।
मिलकर चलो सुधार ले जोभी हुई है भूल॥
किस शख्स से हयात में होती नहीं है भूल।
कितनों में दम है भूल को अपनी करें कबूल॥
तन की खुशी के वास्ते मन को न कर मलूल।
बदले में तू ज़मीर के हरगिज़ ना ज़र कबूल॥
कि बार बार आईना धोने की मैंने भूल।
दरअसल मेरा चेहरा था जिसपे जमीं थी धूल॥
ता उम्र दिल में ऐ सदा, खटकेगी बनके शूल।
तू भूलकर भी भूल छुपाने की कर ना भूल॥
🎙️गुलाम अब्बास खां Ghulam Abbas khan