🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
साहिब के दरबार में, साँचे को सिर पाँव।
झूठ तमाचा खाएगा, क्या रंक क्या राव॥
जो जाके शरणे गहै, ताको ताकी लाज।
उल्टे जल मछली चढ़े, बह्यो जात गजराज॥
आपा तजे हरिभजे, नखशिख तजे विकार।
सब जीव से निर्वैर रहे, साधमता का सार॥
सिर पर साहिब राखिये चलिए आज्ञा मांहि।
कहे कबीर ता दास को तीनलोक डर नाहिं॥
प्रेम जगावे बिरह को, बिरह जगावे पीव।
पीव जगावे जीव को, यही पीव यही जीव॥
Hum Na Mare Marihe Sansaara
हम ना मरें, मरिहै संसारा।
हमको मिला जिआवनहारा॥
हरि मरिहै तो हमहूँ मरिहैं,
हरि न मरै, हम काहे कौ मरिहैं॥
साकत मरहिं सन्तजन जीवहिं,
भरि भरि राम रसायन पीवहिं॥
कहै कबीर मन मनहिं मिलावा,
अमर भया सुख सागर पावा॥
🚩निरंजनी अद्वैत संस्थान भाँवती🥀
🎙️हेमन्त चौहान Hemant Chauhan
🎙️ हरिओम दास Hariom das
राग भैरवी अद्धा Raag Bhairavi Addha 16