🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Hai dana hai dana dildar mere kanha
Dadu Dayal Vani 289 bhajan lyrics
है दाना¹ है दाना², दिलदार मेरे कान्हा।
तू ही मेरे जान³ जिगर, यार मेरे खाना⁴॥
अनन्यता दिखा रहे हैं- हे महान्¹ और सर्वज्ञ² मेरे प्यारे कृष्ण ! आप ही मेरे जीवन³, कलेजा, सहायक और निवास स्थान⁴ हैं।
तू ही मेरे मादर पिदर¹, आलम बेगाना²।
साहिब शिरताज मेरे, तू ही सुलताना॥
आप ही संसार में मेरे माता पिता¹ और परायेजन² भी हैं, आप ही मेरे स्वामी, शिरोमणि बादशाह है।
दोस्त दिल तू ही मेरे किसका खिल खाना¹।
नूर² चश्म³ जिन्द⁴ मेरे, तू ही रहमाना⁵॥
तुम्हीं मेरे दिल-ए-यार दोस्त हैं, यह सब शरीररूप घर¹ भी किसका है, आप ही का है। हे दयालु ईश्वर! आपका स्वरूप² ही मेरे नेत्र³ तथा जीवन⁴ का लक्ष्य⁵ है।
एकै असनाव¹ मेरे, तू ही हम जाना।
जानिबा² अजीज मेरे, खूब खजाना॥
हमने जान लिया है-एक मात्र आप ही संसार वा मेरे (असना आव) बीच में शोभारूप¹ हैं। आप ही मेरे पक्ष² पर रहने वाले सम्बन्धी और श्रेष्ठ धनराशि हैं।
नेक नजर महर मीरां¹, बंदा मैं तेरा।
दादू दरबार तेरे, खूब साहिब मेरा॥
हे मेरे श्रेष्ठ स्वामिन्¹! मैं आपके दरबार में आया हूँ, आपका दास हूँ। हे मेरे सरदार! मुझ पर उत्तम दया युक्त दृष्टि करिए।