🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
साधुसंग छिन एक को, पुन्न न बरणो जाय।
रति उपजै हरिनाम सूँ, सबही पाप बिलाय॥
Saheli Hamne Bhaagya Re Malyo Pad
मीरा भजन लिरिक्स Meera bai Pad lyrics
सहेली! हमने भाग्य रे मळो (मिले),
साधु पुरुष रो संग॥
अन्तरंग वृत्ति बहिरंग वृत्ति से कह रही है, हे सखी! पूर्व कर्मों के फल से सन्त-महापुरुषों का सानिध्य मिलता है। "पुण्य पुंज बिन मिलहिं न सन्ता"
और पुरुष रो संगड़ो न करिए हरि,
थारे भजन में पाड़े (डाले) भंग॥
साधु रे पुरुष रो संगड़ो जै करिए हरि,
ते तो चढ़े चौगुना रंग॥
अड़सठ तीरथ सन्तो रे चरणे,
कोटि काशी अरु कोटि गंग॥
'मीराबाई' गावे सन्त चरण रज,
उड़ी ने लागी म्हारे अंग॥
🚩जय श्री गुरु महाराज जी की🚩
🎙️ ओस्मान मीर Osman Mir