🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Saheb Tera Bhed Na Jane Koi Kabeer
साहेब तेरा भेद न जाने कोई॥
पानी लै-लै साबुन लै-लै,
मल-मल काया धोई।
अन्तर घट का दाग न छूटै,
निर्मल कैसे या घट होई॥
या घट भीतर बैल बँधे हैं,
निर्मल खेती होई।
सुखिया बैठे भजन करत है,
दुखिया दिनभर रोई॥
या घट भीतर अगिन जरत है,
धूम न परगट होई।
कै दिल जानै आपना कै,
जा सिर बीती होई॥
जड़ बिनु बेलि-बेलि बिनु तुम्बा,
बिनु फूले फल होई।
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
गुरु बिनु ज्ञान न होई॥
🎙️प्रकाश गांधी Prakash Gandhi