🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Shyam mhane chakar rakho ji Meera bai
स्याम ! म्हाने चाकर राखो जी।
गिरधारि लाल ! चाकर राखो जी॥
चाकर रह सूँ बाग लगा हूँ, नित उठ दरसण पासूँ।
बृंदाबन की कुंज गलिन में, तेरी लीला गासूँ॥
चाकरी में दरसण पाऊँ, सुमिरन पाऊँ खरची।
भाव भगति जागीरी पाऊँ, तीनूँ बाताँ सरसी॥
मोर मुकट पीतांबर सोहे, गल बैजन्ती माला।
बृंदाबन में धेनु चरावे, मोहन मुरली वाला॥
हरे हरे नित बाग लगाऊँ, बिच बिच राखूँ क्यारी।
साँवरिया के दरसण पाऊँ, पहिर कुसुम्मल सारी॥
जोगी आया जोग करण कूँ, तप करणे संन्यासी।
हरि भजन कूँ साधु आयो, बृंदाबन के बासी॥
मीरा के प्रभु गहिर गम्भीरा, सदा रहो जी धीरा।
आधी रात प्रभु दरसन दीन्हें, प्रेम नदी के तीरा॥