🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Sumir sumir nar utro par Sahjo Bai Pad lyrics
सुमिर सुमिर नर उतरो पार, भवसागर की तीछन धार॥
धर्मजहाज मांहि चढ़ लीजै, सँभल सँभल तामें पग दीजै।
सम करि मन को संगी कोजै, हरि मारग को लागौ यार॥
बादवान पुनि ताहि चलावै, पाप भरे तो हलन न पावै।
काम क्रोध लूटन को आवै, सावधान है करो सँभार॥
मान पहाड़ी तहाँ अड़त है, आशा तृष्णा भँवर पड़त है।
पाँच मच्छ जहँ चोट करत हैं ज्ञानचक्षु बल चलो निहार॥
ध्यान धनी का हिरदे धारै, गुरु किरपा सूँ लगे किनारे।
जब तेरी बोहित उतरे पारे जन्म-मरन दुख विपता टारे॥
चौथे पद में आनन्द पावै, या जग में तू बहुरि न आवै।
चरनदास गुरुदेव चितावें, सहजो बाई यही विचार॥