🕉️👌🏻🎯श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

रांई का हिस्सा बारहवां, मांस मुए को खाय।

कोटि जन्म तो  श्वान धरे, परे चौरासी मांय॥


मांसाहारी  मानवी, तू प्रत्यक्ष  राक्षस जान।

जीव हत्या नहीं छूटती, करोड़ गऊ दे दान॥


Sabhi santan ishwar ki samjhkar 

सभी सन्तान  ईश्वर  के समझकर  क्यों  सताते  हो।

दया करो दिल  में  प्यारे, मुफ़्त  में  क्यों  कटाते हो॥


सदा  जंगल  में  वो  रहवे, किसी को  दुःख ना देवे।

बेचारे  मेंडे  और  घेटे, मुफ़्त  में   क्यों  कटाते  हो?


अवाची  जीव  को  खाके, बढ़ायें  माँस  ये  तन के।

पुजारी  पीर  का  बनकर, वृथा  तस्बीह  घुमाते हो॥


अहिंसा  धर्म  है  सबका, अनादि से, नहीं अब का।

हुक्म  क्या  है  देख  रब का, कुराने क्या बताती है॥


बंदगी  करत  है  मुल्ला, काटकर करत बिस्मिल्ला।

ऐसा क्या असुर है अल्ला गरीब की गोश्त खाते हो॥