🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Santan Peh Aap Udhaaran Aayo
नानक गुरबानी Nanak Gurbaani
सन्तन पै आप उधारन आयो॥
अरे भाई! संसार के प्राणियों को विकारों से बचाने के लिए भगवान् स्वयं संतों के हृदय में निवास करते हैं।
दरसन भेंटत होत पुनीता।
हर हर मंतर दृढ़ायो॥
हे भाई! शिष्य गुरु को देखकर वे पवित्र हो जाते हैं, (गुरु) उनके हृदय में भगवान का नाम दृढ़ कर देते हैं अर्थात् ऐसे महापुरुषों के दर्शन होने से जीव पवित्र (शुद्ध अंतःकरण) हो जाता है। ऐसे अधिकारी को गुरुमुख द्वारा हर हर मंतर अर्थात् महावाक्य श्रवण से दृढ़ अपरोक्ष ज्ञान होता है।
काटे रोग भए मन निर्मल।
हर हर औखद खायो॥
अरे भइया! जो लोग गुरु से हरि-नाम की दवा लेते और खाते हैं, उनके सभी रोग ठीक हो जाते हैं, (उनका) मन शुद्ध हो जाता है अर्थात् सद्गुरुरुपी वैद्य की हर हर नाम माने गुरुनाम (महावाक्यरूपी) औषधि पाकर सारा अज्ञानरूपी मनोरोग निवृत हो गया, यही कटना है। जिससे मन निर्मल अर्थात् परम मन (निजमन) हो गया है।
स्थित भये बसे सुख स्थाना।
बाहर न कतहुँ धायौ॥
स्थित भए माने स्थितप्रज्ञ (जीवन्मुक्त), उनकी कृपा से ऐसी स्थिति में स्थित मिलती है, जो निरतिशय सुख की भूमि है। बाहरी दुनियादारी की भाग-दौड़ बिल्कुल खत्म! वे इस सुख के अतिरिक्त वे किसी अन्य दिशा में नहीं भटकते।
सन्त प्रसाद तरै कुल लोका।
'नानक' लिप्त न मायौ॥
हे नानक! जिन्होंने संतों का कृपा-प्रसाद पाया है, उसके कुल-लोक भी धन्य हो जाते हैं; उन भक्तों पर भगवान् की माया का प्रभाव नहीं पड़ता।
🚩श्री निरंजनी अद्वैत आश्रम भाँवती🙏🏻
🎙️कुलविंदर सिंह Kulwinder Singh