🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Santan ki rahiyo chhaya me ajabdas
सन्तन की रहियो छाया में।
छाया में नित छाया में, संतन की रहियो छाया में॥
भेद कुभेद अभेद मिटे जहाँ, अपना और पराया में।
योग बोध अरु प्रेम पनपते, कर्मन बाग लगाया में॥
काम क्रोध मद लोभ गले अरु मोह न व्यापे माया में।
मन के सारे मैल धुलें अरु, नवल कांति हो काया में॥