🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Santo Jag Ko Kau Samjhaave
कबीर भजन Kabeer Bhajan lyrics
सन्तो! जग को कौ समझावै।
तज प्रत्यक्ष गुरु परमेश्वर,
जड़ को पूजन जावै॥
जड़ पूजा के फल अदृष्ट है,
कालान्तर में पावै।
दृष्ट अदृष्ट दोई फल दायक,
सो पूजा नहिं भावे॥
लै पाषाण मूर्ति को गढ़ गढ़,
बहु विधि रूप बनावै।
सूर्य गणेश्वर ब्रह्मा विष्णु,
जो मन में आ जावै॥
करहिं प्रतिष्ठा वेद मन्त्र पढ़,
तामे प्राण बुलावै।
जो ये मन्त्र साँचे माने,
निज सुत क्यों न जिवावै॥
भोग थाल ताके सन्मुख धरही,
घण्टा नाद बजावै।
भोजन कौन करे बिन चेतन,
उलट आप ही खावै॥
दूध दही अरु घृत मधु लेकर,
तामे खाण्ड मिलावै।
यही विधि से पञ्चामृत करके,
मूरत पर ढरकावै॥
या विधि करकर जड़ की पूजा,
आपहुँ जड़ बनि जावै।
कहत 'कबीर' ज्ञान गुरु का,
कैसे हृदय समावै।
जयश्री गुरु महाराज जी की🙏🏻
🎙️गौरव साहेब Gaurav Saheb