🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

Santo Kun aave kun jay kabeer

ये तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान।

सीस दिये जो गुरु मिले, तोभी सस्ता जान॥


सन्तो कुण  आवे  रे  कुण  जाय।

बोले   छै   जाँकी   खबर   करो॥ 


पानी  को  एक  बण्यो  बुदबुदो, 

धर्यो आदमी नाँव................

कौल किया तो  भजन करूळो, 

आय बसायो गाँव...............


हस्ती    छूटयो    ठाण   से  रे, 

लश्कर पड़ी पुकार.............

दस  दरवाजा  बन्द  पड्या  है, 

निकल गयो असवार...........

 

जैसे    पानी   ओस    का   रे, 

वैसो  ई  संसार..............

झिलमिल झिलमिल होय रई रे, 

जात न लागे बार.................


माखी   बैठी  शहद   पर   जी, 

पंख रही लपटाय...............

कहत कबीर  सुनो  भाई साधो, 

लालच बुरी बलाय..............