🕉️श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Sadho yah jag ram bagicha
साधो यह जग राम बगीचा॥
राम ही वृक्ष राम ही मूल। राम ही डाली राम ही फूल॥
माली रूप राम जी ने ही, निश्चय जल से सींचा॥
भीतर एक अनेक है बाहर, भीतर बाहर एक बराबर।
मिला मर्म गुरु ज्ञान कैमरे से जो फोटो खींचा॥
जीवनपथ में जो भी मिले है तरह-२ के सुमन खिले है।
कोई राजेश रंक है कोई, कोई ऊँचा कोई नीचा॥