🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Sadho nindak mitra hamara Charandas
निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय।
बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय॥
निंदक मेरा ना मरो, बसो न मुझसे दूर।
गाँव गोरवे गन्दगी, साफ करत है सूर॥
निंदक मेरा जनि मरो, जीओ आदि जुगादि।
कबीर सद्गुरु पाइये, निंदक के परसादि॥
बिना वेतन ड्यूटी करे, सच्ची आठों याम।
हरि कृपा निन्दक मिला, भूल बतावे थाम॥
साधो निंदक मित्र हमारा।
निंदक को नियरै ही राखूँ, होन न दें नियारा॥
पाछे निंदा करि अघ धोवै, सुनि मन मिटै बिकारा।
जैसे सोना तापि अग्नि मैं, निर्मल करै सुनारा॥
घन अहरन कसि हीरा निबटै, कीमत लक्ष हजारा।
ऐसे जाँचत दुष्ट सन्त कूं, करन जगत उजियारा॥
जोग जग्य जपपाप कटन हितु, करै सकल संसारा।
बिन करनी मम कर्म कठिन सब, मेटै निंदक प्यारा॥
सुखी रहो निन्दक जग माहीं, रोग न हो तन सारा।
हमरी निन्दा करने वाला, उतरै भवनिधि पारा॥
निंदक के चरणों की अस्तुति, भाखौं बारंबारा।
चरणदास कहै सुनिए साधो, निंदक साधक भारा॥