🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Satsangat Kijo Nit Sukhkari
स्वामी जी भजन Swamiji Bhajan
सत्संगत कीज्यो नित सुखकारी जी।
सत्य असत्य का निर्णय होवे,
ज्ञान विचारी जी॥
बहता नीर गलियों का,
ज्या में मैला भारी जी।
जाकर धार समंद में मिलगी,
भेद निवारी जी॥
चल रहा कीट मही के ऊपर,
नीच विकारी जी।
आके भृङ्ग ने शब्द सुनाया,
उड़ गया लारी जी॥
सतसंगत है जहाज अनादि,
वेद पुकारी जी।
जो कोई बैठे इनके माहीं,
हो गया पारी जी॥
अशुभ कर्म से भलो न होवे,
कर-कर हारी जी।
बोध यथार्थ होवे सत्संग से,
जन्म सुधारी जी॥
सेवा प्रेम करो सन्ता की,
हो अधिकारी जी।
'भैंरूराम' मुक्ति के मार्ग,
जाऊँ बलिहारी जी॥