🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

Santan ko aavat nirakhi Malook Das 

संतन को आवत निरखि, लीजै कण्ठ लगाई। 

हित करि भोजन दीजिए, सादर शीश नवाई॥ 


दालि भात की  भगति है, बातन  की  नाही। 

मन  माने  तो  कीजिए, बूझि  हियरे  माँही॥ 


हाथ  जोरि   खरे  हूजिए, जब  साधू  आवैं। 

शीश काट दीजै बेखटका, जब हरिजस गावैं॥


भोजन   आदर  भाव   तें  लै  आगे  धरिए। 

जौं  परमेश्वर   चाहिए   तो  जीवत  मरिए॥ 


तीन  लोक  में  सार  है, टुकड़ा अरु पानी। 

कह मलूक ते तर गये जिन यही मति ठानी॥