🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
सुनो बिनंतिया मेरे स्वामी राम!
कोटि अपराध भरे भी चेरे राम॥
Sun Na Piyaare Ik Binanti Meri
नानक गुरबानी Nanak Gurbaani lyrics
सुण ना पिआरे इक बिनंती मेरी।
तू निज घर बसिअड़ा।
हौं रुल भस्मे ढेरी॥
हे प्यारे प्रभु! मेरी एक विनती सुनो, तुम तो अपने घर में आनन्दपूर्वक रह रहे हो मगर मैं राख की ढेरी बनकर भटक रही हूँ।
बिन अपने नाहै कोई न चाहे,
क्या कहिये क्या कीजै।
अमृत नाम रसनरस रसना,
गुरु सबदि रस पीजे॥
मैं जानती हूँ कि मेरे प्रिय पति भगवान के अलावा कोई भी मुझसे सच्चा प्रेम नहीं करता; अब मैं क्या करूँ या क्या कहूँ, मैं असहाय हूँ। मैं गुरु के शब्द के द्वारा मधुरतम अमृतनाम का पान करती हूँ; मैं अपनी जिह्वा से इस अमृत का पान करती हूँ।
बिन नावै को संग न साथी,
आवै जाए घनेरी।
'नानक' लाहा लै घर जावै,
साँची सच मत तेरी॥
जैसे ही नाम आप में निवास करता है। नानक कहते हैं कि जीव लाभ के साथ अपने सच्चे घर लौटता है; आपका सिद्धान्त सच्चा हैं।
🚩 जय श्री गुरु महाराज जी की 🙏🏻🥀
🎙️ सतविंदर सिंह Satwinder Singh