🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Ramji Dhani Jaake Kaahe Ki Kami
रामजी धणी जाके काहे की कमी।
मनसा-नाथ मनोरथ पूरण,
सुख-निधान जाकी मौज घणी॥
अर्थ धर्म और काम मोक्षफल,
चार पदारथ देत घणी।
इन्द्र समान है सेवक जाके,
मो बपुरे की वहाँ कहाँ गणी॥
कहो कृपण की माया कितनी,
करत फिरत अपनी अपनी।
खावे नहीं वो खर्च नहीं जाणे,
ज्यौं भुजंग सिर रहती मणि॥
आनन्द मगन राम गुण गावै,
दुःख संताप की तोड़े तणी।
'रैदास'कहत भजत राम को,
वाँकी राम सो सदा बणी॥
रविदास Ravidas Bhajan
🚩श्री निरंजनी अद्वैत आश्रम,भाँवती🙏🏻
🎙️सुरेश राव Suresh Rao
🎙️हनुमानसहाय Hanuman Sahay