🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Re man govind gai re gai Dadu Dayal Vani
रे मन गोविंद गाइ रे गाइ जन्म अविरथा जाइ रे जाइ॥
ऐसा जन्म न बारम्बारा, तातैं जपले राम पियारा॥
यह तन ऐसा बहुरि न पावै, तातें गोविंद काहे न गावे॥
बहुरि न पावै मानुष देही, तातें करले राम सनेही॥
अब के दादू किया निहाला, गाइ निरंजन दीनदयाला॥
उपदेश द्वारा मन को सचेत कर रहे हैं अरे मन! निरन्तर गोविन्द नाम का चिन्तन कर, भजन बिना यह नरः जन्म प्रतिक्षण व्यर्थ जा रहा है। ऐसा जन्म बारम्बार नहीं मिलता। इसलिये प्रियतम राम के नाम का जप कर। जब मैं तुझे कह रहा हूँ कि ऐसा जन्म पुनः नहीं प्राप्त होगा, फिर भी तू गोविन्द के गुण क्यों नहीं गाता? तू भजन द्वारा राम को अपना स्नेही कर ले, इससे तेरा आत्मा पुनः मनुष्य देह को भी न प्राप्त होकर राम में ही मिल जायेगा। उन भगवान् ने अबकी बार तुझे शरीर और सत्संग देकर आनन्दित कर दिया है। अतः उन दीनदयालु निरंजन राम के नाम और गुणों का गायन कर।