🕉️👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂

The mhara me thari mhara sanwariya girdhari 

म्हारा साँवरिया गिरधारी, थे म्हारा और म्हे थारी।

दासी समझकर अपना लीज्यो, मीरा ने बनवारी॥


जबसे हुई मैं थारी दिवानी, हँसे छ दुनिया सारी,

जोगण कह कह मनै बुलावे, सारी बास तुम्हारी।

म्हे तो कान्हा पूरब जन्म री हूँ ब्रज की पनिहारी॥


चातक  ज्यूं  देखे  चन्दा  ने, मैं  देखूँ  थारे आळी।

दया की  दृष्टि  डालो  भगवन, झाँको म्हारे आळी।

शरणागत ने आश्रय दीज्यो, माधव  मदन  मुरारी॥


म्हे बिरहण इण भाँत की, म्हाने प्यास लगे न भूख,

भटकत भटकत मोहे होई दुबळी काया गई छ सूख।

मीराबाई की बिनती सुणल्यो, अब तो कुंज बिहारी॥

चक्र सुदर्शन धारी... म्हारा साँवरिया गिरधारी.......