🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂

Mus mus rove Kabeer ki mai 

मुस  मुस  रोवे   कबीर  की  माई।

ऐ   बालक  कैसे   जीवे   रघुराई॥


तनना बुनना सब तजियो है कबीर।

हरि का नाम  लिख  लियो  शरीर॥


जब   लग   तागा    बाहों   बेही।

तब   लग   बिसरै  राम   सनेही॥


ओछी  मति  मेरी  जात  जुलाहा।

हरि  का  नाम  लियो  मैं  लाहा॥


कहत  कबीर   सुनो  मेरी  माई।

हमरा इनका  दाता  एक रघुराई॥