🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
मै जो ऐसा जानती,
प्रीत किये दुःख होय।
नगर ढिंढोरा पीटती,
प्रीत न करियो कोय॥
प्रियतम परदेस चल
बसे दिल पे दे गये दाग।
जैसे भूल अतीत की,
जब खोलूँ तब आग॥
Mila Do Shyam Se Udho Brahmanand
मिला दो श्याम से उधो,
तेरा गुण हम भी गाएंगे॥
मुकुट सिर मोर पंखन का,
मकर कुण्डल है कानों में।
मनोहर रूप मोहन का,
देखकर दिल को लगायेंगे॥
गोकुल छोड़कर जब से गये,
वापस नहीं आए।
ख़ता क्या हो गयी हमसे,
अर्ज अपनी सुनायेंगे॥
पहले प्रीत लगाकर के,
बिसारा नन्दनन्दन ने।
चरणों में सिर धर अपना,
हम उनको मनाएंगे॥
यदि आये फिर गोकुल में,
हमें दर्शन दिला देना।
वो ‘ब्रह्मानन्द’ हम दिल से,
नहीं उनको बिसारेंगे॥
🚩जय श्री गुरु महाराज जी की🙏🏻
🎙️अयोध्यादास Ayodhyadas ब्रह्मानंद
राग कलावती Raag Kalavati