🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Eh Neech Karam Har Mere Shabad
नानक सबद गुरबानी Nanak Gurbaani
मेरे राम ! एह नीच करम हर मेरे
गुणवन्ता हर हर दयाल कर कृपा
बख्श अवगुण सब मेरे...
ऐसे हैं मेरे नीच कर्म मेरे प्रभु; आप दयालु भगवान सभी गुणों के भंडार हो, मुझ पर कृपा-दृष्टि करके मेरे अवगुणों को क्षमा करो।
एक साधक खुद को परखता है और अपनी कमियों को महसूस करता है। वह भगवान को सम्बोधित करता है और अपनी गलतियों को स्वीकार करता है । वह धन्यवाद व्यक्त करता है कि दयालु भगवान हमेशा उसके साथ रहे हैं । वह विनती करता है, कृपया मेरे सभी अवगुणों को क्षमा करें।
कंचन नारी में जिओ लुभत है,
मोह मीठा माया।
घर मंदर घोड़े खुशी
मन अन्न रस लाया।
हर प्रभु चित्त न आवेई,
क्यों छूटा मेरे हर राया॥
मेरे मन को सोने और स्त्रियों ने लुभाया है; माया का मोह मुझे बड़ा मीठा लगता है। मुझे घर, मन्दिर, घोड़े देख-देखकर बड़ी खुशी होती है और दूसरे रसों के आनन्द में मेरा मन चाव से लगा हुआ है। परमेश्वर के विचार मेरे मन में कभी नहीं आए, मेरे प्रभु! अब मैं कैसे संसार-जाल से छूट सकता हूँ ?
किछ रूप नहीं किछ जात नहीं,
किछ ढंग ना मेरा।
क्या मुँह ले बोले गुन बिनु,
नाम जपिया न तेरा।
हम पापी संग गुर उबरे,
पुन्न सतगुर केरा॥
मेरे पास कोई सुंदरता नहीं है, नहीं कोई उच्च जाति है, न ही मेरे आचरण अच्छे हैं; मैं किस मुँह से तुझ से बातें करूँ; मैं गुणहीन हूँ और मैंने आपका नाम नहीं लिया। सद्गुरु ने मुझ पर बड़ा उपकार किया है। मैं अपराधी गुरु की संगति से (मोह-माया से) बच गया हूँ।
सब जियो पिंड मुख नक्क दीया,
बरतन को पानी।
अन्न खाना कपड़ पहनन दिया,
रस अन्न भोगाणी।
जिन दिए सो चित्त ना आवेई,
पसु हो कर जानी॥
आपने सभी प्राणियों को शरीर, मुँह, नाक और यहाँ तक की पानी भी उपयोग करने के लिए दिया; आपने खाने के लिए अनाज, पहनने के लिए कपड़े और भोगने के लिए सब सुख दिए; परन्तु जिसने यह सब कुछ दिया, मनुष्य को वह (प्रभु) स्मरण नहीं होता। यह मनुष्य पशु के समान है जो यह समझता है कि यह सब कुछ मैंने स्वयं प्राप्त किया है।
सब कीता तेरा बरतदा,
तू अन्तरजामी।
हम जंत बिचारे क्या करे,
सब खेल तुम स्वामी।
'जन नानक' हाट बिरजिया,
हर गुलाम गुलामी॥
आपने सब बनाया। दुनिया में सब कुछ तेरा किया हो रहा है, तुम सबके हृदयों की जानने वाले हो। हम बेचारे जीव क्या कर सकते हैं अर्थात् हमारे वश में कुछ भी नहीं। हे प्रभु यह सारी दुनिया तेरी लीला है; जिस तरह कोई गुलाम मण्डी से खरीदा जाता है वैसे ही) मण्डी में से मूल्य लिया हुआ सेवक नानक प्रभु के सेवकों का सेवक है।
🚩श्री निरंजनी अद्वैत आश्रम भाँवती🙏🏻
🎙️ सतविंदर सिंह Satwinder Singh