🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Mere Man! Kab Bhajiho Satnam
कबीर भजन Kabeer Bhajan lyrics
मेरे मन ! कब भजिहो सतनाम॥
बालपना सब खेल गमायो,
जवानी में व्यापे काम।
बूढ़े भये तन काँपन लागे,
लटकन लागे चाम॥
लाठी टेक चलत मार्ग में,
सह्यो जात नहिं घाम।
कान न सुने नयन नहिं देखे,
दाँत भये बेकाम॥
घर की नार विमुख होय बैठी,
पुत्र करत बदनाम।
बड़बड़ करे रात-दिन बूढवा,
अटपट आठो जाम॥
खटिया से भूमि पर पड़िहै,
छुटि जाइहें धन धाम।
कहें 'कबीर' काह तब करिहो,
परिहै यम से काम॥
🚩निरंजनी अद्वैत आश्रम, भाँवती🙏🏻