🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

Maiya Mohi Dau Bahut Khijayo Soordas


मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायौ।

मोसौं कहे मोल को लीनो तू जसुमति कब जायौ?


काह करौं इहि के मारें, खेलन  हौं  नहि  जात।

पुनि-पुनि कहत कौन है माता, को है तेरौ तात?


गोरे  नन्द  जसोदा  गोरी, तू कत स्यामल गात।

चुटकी दै-दै ग्वाल नचावत, हँसत-सबै मुसकात॥


तू मोहीं को मारन सीखी, दाउहिं कबहुँ न खीझै।

मोहनमुख रिस की ये बातें जसुमत सुन सुन रीझै।


सुनहु कान्ह बलभद्र चबाई, जनमत ही कौ धूत।

सूर स्याम मौहिं गोधन की सौं, हौं माता तो पूत॥