🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Maya me ghulam gidi kya jane bandgi
माया के ग़ुलाम, गीदी क्या जाने बन्दगी॥
साधुन से धूम धाम, करत चोरन के काम।
द्विजन को पूजा देय, गरीबन से रिन्दगी॥
कपट को माला लिये छापामुद्रा तिलक दिये।
बगल में पोथी दाबे, आयो फरफन्दगी॥
कहत मलूकदास, छोड़ दगाबाज़ी आस।
भजहुँ गोविन्द राय, मेटै तेरी गन्दगी॥