🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Manre Aisa Sadguru Joi Achalram
मन रे ऐसा सद्गुरु जोई।
स्वार्थ लेश भेष नहीं धारे,
ब्रह्मनिष्ठ अनुभोई॥
मोटी जेल पड्यो चौरासी,
बड़ो कष्ट दुःख होई।
मोह री बेड़ी पड़ी पग मांही,
निकल सके नहीं कोई॥
इस कैदी की कैद छुड़ावे,
सद्गुरु कहिए सोई।
सो गुरु है ईश्वर का ईश्वर,
काट करै निरभोई॥
फिर चौरासी जाणे नहीं देवे,
शुद्ध करे मल धोई।
मलीन वासना सारी गमावै,
विषय इच्छा दे खोई॥
विषय इच्छा से पड़त कैद में,
लख चौरासी ढोई।
अचलराम विषय इच्छा भागी,
जग से भया निर्मोही॥