🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Man maula jane gujar gaye kabeer
मन मौला जाने गुजर गये गुजरान॥
कोइ दिन रूखा फीका रंदा,
कोइ दिन दूध मलीदा छंदा।
कोइ दिन पत्र पर्वत कंदा,
कोइ दिन बिन जलपान॥
कोइ दिन शाल दुशाल अंगा,
कोइ दिन फाटे फूटे लंगा।
कोइ दिन दीन कुटुम्ब के संगा,
कोइ दिन तोरन तान॥
कोइ दिन देवल कोइ दिन बारी,
कोइ दिन बाग़ बगीचा झारी।
कोइ दिन मंदिर मस्जिद भारी,
कोइ दिन रहत मैदान॥
लख चौरासी देख तमासा,
ऊँच नीच घर लेवै बासा।
कहत कबीर सुनो तजि आसा,
जपना गुरु के नाम॥