🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

Mo sam kaun kutil khalkami Soordas 

मो सम  कौन  कुटिल  खल कामी।

जेहिं  तन  दियौ  ताहिं  बिसरायौ, 

ऐसो नमकहरामी॥


भरि भरि  उदर विषय  कों धावौं, 

जैसे   सूकर   ग्रामी।

हरिजन छांड़ि  हरी-विमुखन की,

निसदिन करत गुलामी॥


पापी   कौन   बड़ो    है   मोतें, 

सब पतितन में नामी।

सूर  पतित  को  ठौर  कहाँ  है, 

सुनिए श्रीपति स्वामी॥