🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Main to giridhar ke ghar jau Meera
मैं तो गिरिधर के घर जाऊँ।
गिरधर म्हारो साँचो प्रीतम, देखत रूप लुभाऊं॥
रैण पड़े तबही उठ जाऊं, भोर भये उठि आऊं।
रैन दिना वाके संग खेलूं, ज्यूँ त्यूं ताहि रिझाऊं॥
जो पहिरावै सोई पहिरूं, जो दे सोई खाऊं।
मेरी उणकी प्रीति पुरानी, उण बिन पल न रहाऊं॥
जहां बैठावें तितहि बैठूं, मोहे बेचै तो बिक जाऊं।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, बार बार बलि जाऊं॥