🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
मन मरा न माया मरी, मर मर गया शरीर।
आशा तृष्णा ना मरी, कह गये दास कबीर॥
बात बनाई जग ठग्या, मन समझायो नांहि।
कह कबीर मन ले गया, लखचौरासी मांहि॥
Main Me to Un Santo Ra Das
Jinhone Man Mar liya Bhajan lyrics
मैं तो उन सन्तों रा दास,
जिन्होंने मन मार लिया॥
मन मारा तन वश काया,
गयी भर्मना दूर।
बाहर तो कछु दिखे नांही,
भीतर चमके वा रे नूर॥
आपा मार जगत में बैठे,
नहीं किसी से काम।
उनमें तो कछु अन्तर नांही,
सन्त कहो चाहे राम॥
काम क्रोध मद लोभ निवार्या,
मेटी जग री आस।
बलिहारी उन सन्तां री रे,
प्रगट किया है प्रकास॥
पीया प्याला प्रेम का,
गया मोह सब दूर।
म्हाने सद्गुरु ऐसा मिलिया,
सहजै ही मुक्ति होय॥
नरसी जी रा सद्गुरु स्वामी,
दियो अमी रस पाय।
एक बूँद सागर में मिल गयी,
क्या रे करेगा यमराज॥
🚩जय श्री गुरु महाराज जी की🙏🏻
🎙️रामचंद्र जी गोयल Ramchandra Goyal
🎙️मोइनुद्दीन मनचला Moinuddin Manchala