🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
main Kehi Samjhau Sab Jag Andha
कबीर भजन लिरिक्स Kabir lyrics
मैं केहि समुझावौ सब जग अन्धा॥
इक दु होये तो उन्हैं समुझावौं।
सबहि भुलाने पेट के धन्धा॥
पानी के घोड़ा पवन असवरवा।
ढरकि परै जैसे ओस के बूंदा॥
गहिरी नदी अगम बहै धरवा।
खेवन हार के पड़ गया फन्दा॥
घर की वस्तु नजर नहि आवत।
दियना बारिके ढूँढत अन्धा॥
लागी आगि सबै बन जरिगा।
बिन गुरु ज्ञान भटकिगा बन्दा॥
चारदिन की ज़िंदगी अनादिभरोसा
जन्म के साथ लाये घाटे का धंधा॥
कहत कबीर सुनो भाई साधो।
जाय लंगोटी झारि के बन्दा॥
एक दिन जाना है दूसरे के कंधा॥
🎙️अश्विनी देशपांडे Ashwini Deshpandey
🎙️अनूप जलोटा Anoop Jalota