🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः 🌍 🫂
Main kya btau tamnna e zindagi kya hai
जब तक बिका न था तो कोई पूछता न था।
तुमने खरीदकर हमें अनमोल कर दिया॥
आपकी मुहब्बत का हर कदम सहारा है।
आपही का ग़म मुझको ज़िंदगी से प्यारा है॥
मैं क्या बताऊँ तमन्ना-ए-ज़िन्दगी क्या है।
हुज़ूर आप सलामत रहे कमी क्या है॥
अगर न दिल में तड़प हो तो आशिक़ी क्या है
मिले न दर्द की दौलत तो ज़िन्दगी क्या है॥
मैं इस के वास्ते कौन तेरे दामन में।
तेरे गदा के लिए ताज ख़ुसरवी क्या है॥
तेरे क़रम का सहारा है ज़िन्दगी मेरी।
तेरा करम न हो शामिल तो ज़िंदगी क्या है॥
मेरी नमाज़ यही है कि पूजता हूँ तुम्हें।
मुझे खबर नहीं अदब-ए-बन्दगी क्या है॥
चमन के हुस्न को देखूं तो किस तरह देखूं।
तेरे जमाल के आगे ये रौशनी क्या है॥
फ़ना ये उनकी मुहब्बत नवाज़ियाँ देखो।
वो मुझसे पूछ रहे हैं तेरी ख़ुशी क्या है॥
खुशी समझके तेरा ग़म उठा लिया मैंने
खुद अपने आप तमाशा बना लिया मैंने।
तेरी नजर की अमानत मिली जिस दिल से मुझे
हर एक निगाह से दामन बचा लिया मैंने
मैं क्या बताऊं तमन्ना ए जिंदगी क्या है
हुजूर आप सलामत रहे कमी क्या है॥
मैं अदना आदमी मेरी बिसात ही क्या है
क़रम हुजूर का है मेरी जिंदगी क्या है।
अगर न दिल में तड़फ हो तो आदमी क्या है।
मिले न दर्द तुम्हारा तो जिंदगी क्या है॥
तुम्हारे ही रूह ए रोशन के सारे जलवे हैं।
ये चाँद और सितारों में रोशनी क्या है॥
मैं जिंदगी जिसे कहता हूँ गर वे आ जाये
तो जिंदगी को बता दूंगा जिंदगी क्या है
किसे नहीं है तमन्ना ऐ खुसरवी लेकिन
खुदी को मौत हो जिसमें वे खुसरवी क्या है
ब-कद्र-ए-जर्फ हर एक पर तेरा लुत्फो करम
तुम्हारी बन्दा नवाजी की बात ही क्या है॥
तेरे करम का सहारा है जिंदगी मेरी
तेरा करम न हो शामिल तो जिंदगी क्या है॥
नियाजे इश्क के सजदे है तेरी चौखट पर
मैं जानता हूँ मय राज बंदगी क्या है॥
तुम्हारे दीद के काबिल तो नहीं है लेकिन
नकाब रूख से उठा दो तो बात ही क्या है॥