🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Brahmanandam Param Sukhdam
मंगलाचरण गुरु वन्दना Manglacharan
गुरुगीता Guru Geeta Guru Vandana
ब्रह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिं
द्वन्द्वातीतं गगनसदृशं तत्त्वमस्यादिलक्ष्यम्।
एकं नित्यं विमलमचलं सर्वधीसाक्षिभूतं
भावातीतं त्रिगुणरहितं सद्गुरूं तं नमामि॥
ब्रह्मानन्दं – जो ब्रह्मानन्द स्वरूप है,
परमसुखदं – परम सुख देने वाले है,
केवलं ज्ञानमूर्तिं – जो केवल ज्ञानस्वरूप है,
द्वन्द्वातीतं – (सुख-दुःख, शीत-उष्ण आदि) द्वन्द्वों से रहित है,
गगनसदृशं – आकाश के समान सूक्ष्म और सर्वव्यापक है,
तत्त्वमस्यादिलक्ष्यम् – तत्त्वमसि आदि महावाक्यों के लक्ष्यार्थ हैं,
एकं – एक है,
नित्यं – नित्य है,
विमलमचलं – मलरहित है, अचल है,
सर्वधीसाक्षिभूतं – सर्व बुद्धियों के साक्षी है,
भावातीतं – भावों या मानसिक स्थितियों के अतीत माने परे है,
त्रिगुणरहितं – सत्त्व, रज, और तम तीनों गुणों के रहित है,
सद्गुरूं तं नमामि – ऐसे श्री सद्गुरूदेव को मैं नमस्कार करता हूँ।
🚩अद्वैत सेवा संस्थान भाँवती🙏🏻