🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Baraj Rahi Me In Vishyan Brahmanand
बरज रही मैं इन विषयन से,
मान कही मन मूरख मेरी॥
जन्म जन्म के बेरी तेरे,
चौरासी लख फेरत फेरी॥
यह मीठे फल जहर भरे हैं।
सुख थोड़ा अरु विपत घनेरी॥
मृगतृष्णा जल देख लुभायो।
प्यास मिटे नहीं कबहुँ तेरी॥
ब्रह्मानन्द संग तज इनको।
पावे मोक्ष लगे नहीं देरी॥