🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Bin Sadguru Nar Rahat Bhulana Kabeer
बिन सद्गुरु नर फिरत भुलाना।
खोजत फिरत राह नहीं जाना॥
केहरि सुत ले आयो गड़रिया,
पाल पोस के कियो सयाना।
करत कलोल रहत अजयन संग,
आपन मर्म कछु नहिं जाना॥
केहरि इक जंगल से आयो,
ताहि देख बहुत रिसयाना।
पकड़के भेद तुरित समझाया,
आपन दशा देख मुसकाना॥
मिरगा नाभि बसे कस्तूरी,
वह मूरख ढूँढ़त चौगाना।
करत सोच पछतात मनहिं मन,
यह सुगन्धि कहाँ से आना॥
अर्ध ऊर्ध बिच डोरी लगी है,
चख्यो रूप नहिं जात बखाना।
कहैं कबीर सुनो भाई साधो,
उलट आप में आप समाना॥
जय श्री गुरु महाराज जी की🙏🏻
🎙️कल्पिनी कोमकली Kalpini komkali
🎙️कुमार गन्धर्व Kumar Gandharva