🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Pyar karo par pyar na mango rajeshwar
प्यार करो पर प्यार न माँगो प्यार करो पर प्यार न माँगो।
गैरों से क्या अपनों से भी, सपनों का संसार न माँगो॥
तुम्हे दिखाई देती है जो, बसी हुई बस्ती यारों की,
धोखे में मत आ जाना, ये दुनियां है दुकानदारों की।
व्यवसायी से निश्छल मन का प्रेमभरा व्यवहार न माँगो।
प्यार करो पर प्यार न माँगो....
सोचो तनिक कामना अपनी जीवन में दुःखसुख भरती है,
नहीं दूसरा दोषी कोई, आशा ही निराश करती है।
मुक्ति का उपाय सोचो, कुछ भुक्ति का भण्डार न माँगो॥
प्यार करो पर प्यार न माँगो......
जिसने जगत बनाया जग में, उसकी ही इच्छा चलती है,
बात कभी की अलग हमेशा दिल की दाल नहीं गलती है,
क्षणभंगुर विषयों से सुख का, स्थायी आधार न माँगो।
प्यार करो पर प्यार न माँगो.....
जग को हरि का रूप समझकर मन में भावभक्ति का भर दो,
हरि की सत्ता सिंधु सरित सा अपना अहम् विसर्जित कर दो,
छूट जायेगा रोना, अपने होने का अधिकार न माँगो,
प्यार करो पर प्यार न माँगो.......
देखों फलदायी वृक्षों को, कितने नम्र रहा करते है,
फलवाले होकर पत्थर का कठिन प्रहार सहा करते है,
सीखों यह स्नेह देकर के, बदले में सत्कार न माँगो।
प्यार करो पर प्यार न माँगो......
है अनेक में एक यही तो, मिलता है उपदेश यहाँ,
सभी राम का रुप है पगले, रंक और राजेश कहाँ,
इसी दृष्टि से सृष्टि बदल दो रिपु का भी प्रतिकार न माँगो,
प्यार करो पर प्यार न माँगो......